तेरी इन निगाहों में
युही डूबा रहूँ मैं
तू करती रहे यु ही बातें
और तेरी पलकों के साए में
यु ही बैठा रहू मैं
रहने दे आगोश में मुझे
इन गहरी दास्ताँ के बीच
रहने दे मुझे
इन नशीले प्यालो के बीच
इन प्यारी सी आँखों के
दर्मिया क्या बसा है
मुझे खबर नहीं
मुझे रहने दे इन में डूबा
मुझे ज़माने का अब कोई डर नहीं