Saturday, April 30, 2011

शायद . . ..


शायद न होती
जिंदगी में ये रौशनी समायी
शायद न होती
धडकनों में ये सरगम समायी

गर न होती
जिंदगी में आप 

शायद न होती
सांसे इस जिस्म में

होती बस
ख़ामोशी समायी 

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