Wednesday, February 8, 2012

इकरार-ए-महोबत



  यु तोह    
इन आँखों से कुछ कहना 
मुश्किल है
मेरी ये निगाहे क्या कहती है 
सुन ज़रा 

यु तोह 
इस दिल के एहसास बयां करना 
मुश्किल है
मेरी ये धड़कन क्या कहती है 
सुन ज़रा 

बस एक बार सुन ले 
मेरे दिल की दास्ताँ

यु तोह 
लाब्जो में भी कहना 
मुश्किल है 
मेरी ये सांसे क्या कहती है 
सुन ज़रा 

मेरी हर पुकार 
हर ख्याल 
हर अरमान
तेरे लिए है 

मेरा हर पहर 
हर सेहर 
हर लम्हा 
तेरे लिए है 

बस एक बार मुझे 
मुड़ के देख तोह सही 

यु तोह 
खामोश  रह कर कुछ कहना 
मुश्किल है 
मेरी ये ख़ामोशी क्या कहती है 
सुन ज़रा 

तेरे खवाबो 
तेरे खयालो, में हर दम 
खोया रहता हूँ 

तुझे पाने की आरज़ू 
दिल में लिए 
तेरी दीवानगी में डूबा रहता हूँ 

बस एक बार मेरे 
दिल के एहसास समझ तोह सही 

यु तोह 
एक नज़र में महोबत करना 
मुश्किल है 
मेरी ये आशिकी क्या कहती है 
सुन ज़रा   

No comments:

Post a Comment