मानाने की कोशिश कर रहा हूँ
मैं बंजर इस रेत पे
गुलिस्तान सजाने की कोशिश कर रहा हूँ
माना मुशकिल है चट्टान में रस्ते बनाना
मै हर रोज एक नयी कोशिश कर रहा हूँ
ना जाने कहाँ
किस जहाँ में छिपी है वो
ना जाने कहाँ
किस जहाँ में छिपी है वो
मैं अपनी जिंदगी, अपनी ख़ुशी
दूंढ रहा हूँ
रूठी अपनी जिंदगी को मानाने की
कोशिश कर रहा हूँ
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